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Showing posts from March, 2022

89 का बचपन- चंद्रलोक की खोज

फोटो पुस्तकमहल से साभार हुआ यूँ कि हमें शौक हुआ चिल्ड्रन नॉलेज बैंक पढ़ने का।  पुस्तक महल का चिल्ड्रन नॉलेज बैंक। तीसरे, चौथे दर्जे से ही उसे पढ़ने लगा था। उसे पढ़कर ऐसा लगता था कि हम विज्ञान और सोच के पैमाने पर सबसे कहीं आगे निकल गए हैं । हमें पता था कि- क्या ऐतिहासिक दौड़ाक नूरमी कभी तेल चलाता था? क्या ध्यानसिंह की हॉकी में चुम्बक लगा रहता था? पृथ्वी गोल क्यों है और ये कैसे पैदा हुई ? रात में तारे चमकते क्यों हैं ? क्या कुछ लोग आदमखोर हो सकते हैं? क्या मोनालिसा सचमुच मुस्कुरा रही है? पिसा की झुकी हुयी मीनार गिरती क्यों नहीं ?  दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कौनसा है ? और न जाने कैसे कैसे मज़ेदार शीर्षक होते थे और उनके गहरे जवाब। कई सारे तो मैंने कई बार पढ़े उस वक़्त। जैसे चौथी कक्षा में हमें पता था कि पिसा की मीनार इसलिए नहीं गिरती कि क्योंकि उसका गुरुत्वाकर्षण केंद्र  (centre of gravity )उसके अंदर ही है। जिस दिन वह उस से बाहर निकलेगा, वह गिर जायेगी। बाद में ग्यारहवीं में आकर समझ आया कि गुरुत्वाकर्षण केंद्र होता क्या है।पर वह शब्द मेरे शब्दकोष में चौथी में ही आ गया था। मुझे लगता है मैंने चिल्ड्रन

पर्यावरण और 2022 का बजट: अमृत काल या विष काल?

विकल्प संगम वैकल्पिक विकास पर विश्वास करने वाले लोगों , आंदोलनों और संस्थाओं का एक नेटवर्क है। विकल्प संगम ने हाल ही में पेश किये गए देश के आम बजट का पर्यावरण होने वाले उसके असर की नज़र से विश्लेषण किया।  प्रस्तुत है उस विश्लेषण का हिंदी अनुवाद विश्लेषण आम बजट २०२२-२३ को तीन भागों के ज़रिये समझने का प्रयास करता है। यह हैं- १. पर्यावरण क्षेत्र को सीधे किया गया आवंटन  २. गैर पर्यावरणीय क्षेत्र में किया गया आवंटन जो सीधे पर्यावरण पर अनुकूल  प्रभाव डाल सकता है  ३. दूसरे क्षेत्रों में किया गया निवेश जो पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा  विश्लेषण कुल मिलाकर एक नकारात्मक छवि पेश करता है। कुछ ही बिंदु राहत देते हैं। जैसे कृषि और जलवायु को लेकर जो आवंटन हुए हैं, वह थोड़ा बहुत सोच के बदलाव को दर्शाते हैं। पर्यावरण क्षेत्र में नाम मात्र को बजट में वृद्धि भी की गयी है। पर यह वृद्धि आधारभूत संरचना या इंफ्रास्ट्रक्चर में किये जा रहे भारी निवेश के मुकाबले कुछ भी नहीं। इसका अर्थ है कि देश के प्राकृतिक संसाधनों का विनाश अबाध गति से चलता रहेगा। जलवायु परिवर्तन की दिशा में हमें सकारात्मक आवंटन दिखाई देता ह