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Showing posts from September, 2020

मानव-वन्य-जीव मुठभेड़- महिलाओं पर असर: अपडेट

दोस्तों, यह एक बिलकुल नयी शुरुआत है जिसे मैं करने जा रहा हूँ। मैं अपने इस ब्लॉग में वनवासी  महिलाओं का वन्यजीवों के साथ आमना-सामना होने का एक लेखा जोखा अपने इस पोस्ट में अपडेट करता रहूंगा। मैं कोशिश  विषय से जुडी सभी खबरें मैं यहाँ मुहैया करता रहूं। उम्मीद है के इस तरह से इस तर्क को बल मिलेगा कि महिलाएं वन्य-जीवों का खतरा ज्यादा झेलती हैं।अपनी प्रतिक्रियाएं भेजिए और यदि आपको ऐसी कोई खबर लगे तो मुझसे जरूर यह साझा कीजिये ताकि मैं इस डाटाबेस को अपडेट करता रहूं। एक दूसरे पेज पर एक ट्रैकर बनाने का प्रयास भी करूंगा जिससे पूरे देश में महिलाओं पर इसके असर का बेहतर अंदाज़ा पैदा हो।  धन्यवाद  26/8/2020  https://india.mongabay.com/2020/08/resettlement-is-a-voluntary-option-for-families-in-wayanad-wildlife-sanctuary/ 31/8/2020 https://www.thehindu.com/news/national/tamil-nadu/woman-killed-in-tiger-attack-in-mudumalai-tiger-reserve/article32485959.ece#! 15/9/2020 https://www.thehindu.com/news/cities/Coimbatore/woman-trampled-to-death-by-wild-elephant-near-coimbatore/article32608586.ece#! 20/9/2020 h

विकास की "इन्सेप्शन" टाइप मन:स्थिति

"चहुँ ओर विकास की गंगा बह रही है।" "भाई साहब!! क्या कह रहे हैं? यह तो गन्दी नाली है !" "अरे एक-दो गाँव देखकर क्या होगा, बड़ी तस्वीर तो यह है कि चहुँ ओर विकास की गंगा बह रही है। " "किसके विकास की ?" "हमारे और आपके विकास की।"  "अच्छा!! कैसे !" "हमारे लीडर के दिमाग में एक ब्लूप्रिंट है, जिसे हमें लागू करना है।" "अच्छा! कहाँ !" "गाँव में, शहर में, हर जगह " "आपके लीडर को विकास का बेहतरीन अनुभव होगा ?" "नहीं पर वह बहुत अच्छे विचारक हैं। उनके चीते से भी तेज़ दिमाग से गाँव की सच्चाई छुप नहीं सकती। " "अच्छा!! पर कैसे?" "अरे! इन्सेप्शन फिल्म देखे हो कभी? नेओलार्डो डा पकरिओ वाली? ठीक वैसे ही। हमारे लीडर उसी तरह सोचते हैं। उनके दिमाग में एक ब्लूप्रिंट है। उन्होंने अपने मन में एक खाका बनाया है। और खाके के अंदर खाका है। ये प्योर क्रिएशन है। शुद्ध देशी घी टाइप का। " "कुछ समझ नहीं आया। थोड़ा ठीक से समझाइये।" "पहले बताइये इन्सेप्शन फिल्म देखे हैं के नहीं। "