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Showing posts from February, 2020

महिलाएं और साझे संसाधन

मंडला में किसान महिलाएं  क्या आप जानते हैं कि आखिर पितृसत्ता पैदा कहाँ से हुयी? महिला-पुरुष की भूमिका का बंटवारा कहाँ से शुरू हुआ? कई नारीवादी अब यह मानते हैं कि पितृसत्ता की जड़ "संपत्ति" या "मिल्कियत" के विचार में है, खास तौर पर निजी संपत्ति के विचार में। प्राकृतिक संसाधनों पर मनुष्य के अधिकार की सोच ने "विरासत" में संसाधनों को पाने के विचार को खाद पानी दिया। "मैं और मेरी संतान इस जमीन के मालिक होंगे, सदा सदा के लिए", इस विचार से ही महिला की प्रजनन करने की प्राकृतिक शक्ति को उसी की आज़ादी के खिलाफ इस्तेमाल करने का विचार पैदा हुआ। मानव जाति के अनुवांशिक विकास के दौरान घटे इस प्रागैतिहासिक अन्याय के कारण महिलाओं का मानव समाज में स्थान बच्चे पैदा करने की भूमिका तक ही सीमित हो गया। हालाँकि पुरुष जमीन के हर टुकड़े पर अपना राज कायम नहीं कर पाए। हज़ारों लाखों एकड़ जमीन और समुन्दर आज भी निजी मिलकियत नहीं हैं। किसी तरह से समाजों द्वारा साझा किये जाते रहे हैं। पितृसत्ता ने हालाँकि सत्ता के और विकसित रूप पैदा किये जैसे राज्य, धर्म, जाति, कारपोरे...