https://www.downtoearth.org.in/news/water/the-demise-of-rivers-59881
https://www.counterview.net/2020/05/gpcb-admits-industry-polluted-sabarmati.html
https://thewire.in/environment/sabarmati-pollution-effluent-sewage-report
ऊपर दिए कुछ लिंक यदि आपने पढ़ लिए हों तो नीचे की कविता आने वाले भविष्य को दिखाने के लिए लिखी गयी है। और यदि नहीं पढ़े हों तो यह कविता पढ़ लें। कविता के बाद दो वीडियो भी है। एक साबरमती पर है, थोड़ा लम्बा है। एक ऋषिगंगा पर है, थोड़ा छोटा है। थोड़ा समय निकालकर ज़रूर देखें। खासतौर पर अगर १ लाख रूपए महीने से कम कमाते हों तो। क्यूंकि यदि उससे ज़्यादा कमाते होंगे, तो आपको मेरी बात शायद समझ में नहीं आएगी।
नदी और औरत
नदी हूँ मैं
कोई सती नहीं
जिसका श्रृंगार कर तुम जला दोगे
सती माता के जयकारे लगाओगे
और मैं इस महानता के सागर में समा जाऊंगी।
नदी हूँ मैं
कोई बालवधू नहीं हूँ
जिसे कुछ आभूषण पहनाकर
तुम उससे उसका बचपन छीन लेते हो।
नदी हूँ मैं
जबरन अपनी माँ मत बनाओ
क्योंकि तुम्हारे कुकृत्यों को
तुम्हारी माँ भूल सकती है
मैं नहीं
नदी हूँ मैं
तुम्हारी माँ, पत्नी, बेटी मत बनाओ मुझे
क्योंकि मुझे पता है, तुम्हारा सुलूक औरत के साथ
मेरे पास आओ,
टहलो, खेलो, कूदो
पर अगर मुझमें ज़हर घोलोगे
तो ज़हर पीने के लिए तैयार रहो
हाउ अहमदाबाद लॉस्ट साबरमती- पब्लिक रिसोर्स सेंटर से
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