तस्वीर विकिपीडिया से साभार thewire.in के हवाले से खबर आयी की सरकार ने कृष्णचंदर की 1960 में लिखी कहानी "जामुन का पेड़" को ICSE के दसवीं के पाठ्यक्रम से निकाल दिया है। चूँकि चंद नवीसांदो (अफसरों) को लगा की कहानी आजके निज़ाम पर भी एक व्यंग्य है। तो ज़ाहिर है, कहानी बहुत जरूरी है, और उसे बांटना सुनना और ज़रूरी है। खबर सच्ची है के नहीं, हमें एक-दो दिन में मालूम हो जायेगा। मैंने हिंदी में उनकी कहानी यहाँ नीचे दे दी है।कहानी पहले से ही thebetterindia.com पर मौजूद है। उसी से कॉपी की कहानी ही नीचे है। चाहे thebetterindia.com पर जाकर भी नीचे दिए लिंक से पढ़ सकते हैं। https://hindi.thebetterindia.com/9063/hindi-krishna-chander-jamun-ka-ped-story/ और यूट्यूब लिंक भी शेयर किया है आप सबके लिए। कोई मयंक वैष्णव साहब हैं। अच्छा बोलते हैं। https://www.youtube.com/watch?v=CjQ9bLS-49E कृष्ण चन्दर जी का परिचय कृ ष्ण चंदर हिन्दी और उर्दू के कहानीकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1961 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होने म...
सम-सामायिक विषयों, पोस्ट डेवलपमेंट (उत्तर विकासवाद) और विकास के वैकल्पिक मार्गों की बात; जंगल के दावेदारों की कहानियां, कुछ कविताएं और कुछ अन्य कहानियाँ, व्यंग्य